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Friday 13 November 2015

♥ परमाणु बम के बारे मे जुडी 25 अनजान बाते ♥




परमाणु बम दुनिया के विनाश का दूसरा नाम है। हिरोशिमा-नागासाकी की बर्बादी की कहानियां आज भी लोगों की आंखें नम कर देती हैं। पर परमाणु हथियारों के बारे में कुछ ऐसी भी बाते हैं, जिनके बारे में आम लोग नहीं जानते। ऐसे में आईबीएनखबर.कॉम आपको परमाणु हथियारों के बारे में 25 अनजानी बातों से रूबरू करा रहा है, जिनके बारे में आगे की स्लाइड्स में पढ़ सकते हैं I

1. वेला हादसा नाम से हुआ परमाणु धमाका दुनिया में अबतक हुए 2000 परमाणु धमाकों से एक दम अलग है। ये इकलौता परमाणु धमाका था, जिसकी जिम्मेदारी किसी भी देश ने नहीं ली। ये धमाका 3 किलोटन के बम में हुआ था, जो सन 1979 में हिंद महासागर में हुआ था।

2. अमेरिकी एयरफोर्स ने गलती से उत्तरी कैरोलिना पर 2 परमाणु बमों को गिरा दिया था। पर आश्चर्यजनक रूप से उनमें से कोई भी नहीं फटा।

3. एकतरफा परमाणु धमाके के बाद केसियम-137 और स्ट्रॉन्टियम-90 जैसे अवयवों का भी उत्सर्जन होता है। इनके बारे में 1945 के परमाणु धमाकों से पहले किसी को नहीं पता था।

4. अमेरिका नाटो देशों के साथ अपने परमाणु हथियारों को साझा करता है। ये परमाणु हथियार अमेरिका के अतिरिक्त बेल्जियम, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड और तुर्की में तैनात हैं।

5. रूसी जार बम दुनिया में फटा सबसे बड़ा परमाणु बम था, जिसमें पूरी दुनिया के एक तिहाई हिस्से को बर्बाद करने की क्षमता थी।



6. न्यूट्रॉन बम असल में परमाणु बम ही है, पर उन्हें इस तरह से डिजाइन किया गया है कि उनके धमाके से खास क्षेत्रफल तक ही विकिरण फैले।

7. अमेरिका ने न्यू मैक्सिको में जिस जगह पहला परमाणु परीक्षण किया था, वहां आज परमाणु म्यूजियम है। पर ये पूरे साल में सिर्फ 12 घंटे के लिए एक ही बार खुलता है। पूरी दुनिया इसे ट्रिनिटी साइट के नाम से ही जानती है।

8. सीटी स्कैन के समय इतना विकिरण फैलता है, जितना विकिरण हिरोशिमा में परमाणु धमाके के 1.5 मील दूर तक फैला था।

9. जॉर्जिया में अमेरिकी एयरफोर्स की गलती की वजह से परमाणु बम कहीं खो गया है। ये दुर्घटना सन 1958 में हुई थी। अब तक वो परमाणु बम मिल नहीं सका है।

10. डॉ एडवर्ड टेलर को हाइड्रोजन बम का जनक माना जाता है। पर उन्होंने पनामा जैसे कई नहरों को बनाने की लोकोपकारी योजना भी बनाई थी, ताकि मानवता का कल्याण हो सके।



11. अमेरिका के 11 परमाणु बम अब तक दुर्घटनावश गायब हो चुके हैं, जिनका कहीं कोई अता पता नहीं है।

12. रूस के पास दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं। रूसी परमाणु हथियारों की संख्या 8400 है। दूसरे नंबर पर अमेरिकी परमाणु हथियार हैं, जिनकी संख्या 7650 है। वहीं, फ्रांस के पास 300, ब्रिटेन के पास 225 और चीन के पास 240 परमाणु हथियार हैं, जबकि पाकिस्तान के पास 125 तो भारत के पास 85 से 95 परमाणु हथियार हैं।

13. हिरोशिमा में गिराया गया परमाणु बम जब फटा था, तब वो पेपरक्लिप के बराबर था।

14. अमेरिका ने शीतयुद्ध काल के समय चांद पर परमाणु बम धमाके का प्लान बनाया था, ताकि वो पुरी दुनिया को अपनी ताकत दिखा सके।

15. अमेरिका में 1950 के दशक में लास वेगास परमाणु बम के टेस्ट की वजह से प्रमुख पर्यटक स्थल बन गया था।



16. अमेरिका ने सन 1988 तक परमाणु हमले की सूरत में लोगों को सुरक्षित ऊंचे स्थानों तक पहुंचाने के लिए 2 बिलियन डॉलर का बजट रखा था, ताकि परमाणु युद्ध की दशा में वो लोगों को सुरक्षित रख सके।

17. अमेरिका ने सन 1962 में जापान पर गिराए परमाणु बमों से 100 गुना ज्यादा ताकतवर बम का धमाका आसमान में कर दिया था। इस बम के टुकड़े अटलांटिक महासागर पर 400 किमी दूर तक फैल गए थे।

18. अमेरिका में बिजली की खपत का 10 फीसदी हिस्सा परमाणु बमों को बर्बाद कर निकाले गए प्लूटोनियम से बनाया जाता है।

19. हिरोशिमा पर परमाणु हमले के महज एक माह बाद ही सुनामी का हमला हुआ था, जिसमें 2000 लोग मारे गए थे।

20. हिरोशिमा परमाणु हमले में महज एक बोंसाई पेड़ बचा था, जो सन 1626 में लगाया गया था। वो बोंसाई वृक्ष अब अमेरिका के म्यूजियम में रखा गया है।



21. नागासाकी पर गलती से परमाणु बम गिरा था। दरअसल, अमेरिका वो बम जापान के कोकुरा शहर पर गिराना चाहता था, पर बादल छाए होने की वजह से वो शहर की पहचान नहीं कर पाए और नागासाकी पर बम गिरा दिया।

22. जापान में फटने वाले दोनों बमों का कोड नेम फैट मैन और लिटिल बॉय था l

23. परमाणु धमाके में बचने वाले दूसरे जापानी का नाम शिगेकी तनाका था, जिन्होंने 1951 में बोस्टन मैराथन में जीत हासिल की थी।

24. नागासाकी-हिरोशिमा बम धमाकों में बचने वाले त्सुतोमु यामागुची पहले जापानी शख्स थे।

25. हिरोशिमा और नागासाकी में अब रेडियोएक्टिव पदार्थ नहीं है। इसकी वजह है परमाणु बमों का जमीन के ऊपर फटना। ये दुनिया की इकलौती साइट है, जहां परमाणु विस्फोट के बावजूद विकिरण का डर नहीं रह गया है।

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