આ બ્લોગમાં વર્તમાનપત્રો, મેગેઝિનો, વિકીપીડીયા,GK ની વેબસાઇટો, વગેરે માધ્યમોનો સંદર્ભ તરીકે ઉપયોગ કરવામા આવેલ છે જે માટે સૌનો હ્રદયપૂર્વક આભાર વ્યક્ત કરુ છુ.બ્લોગથી મને લેશમાત્ર આવક નથી.જેની નોંધ લેશો.

Monday 31 August 2015

♥ SOCIETY - FOUNDED YEAR - FOUNDER ♥

आधुनिक भारत एवं स्वतन्त्रता आन्दोलन के समय गठित राजनीतिक एवं सामाजिक संगठन तथा संस्थाएँ
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SOCIETY ----- FOUNDED YEAR-----FOUNDER
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1.एशियाटिक सोसाइटी-----1774 ई.-----विलियम जोन्स
2.आत्मीय सभा-----1815 ई-----राजा राममोहन राय
3.वेदान्त काॅलेज-----1825 ई.-----राजा राममोहन राय
4.युवा बंगाल आन्दोलन-----1826 ई.-----हेनरी लुई विवियन डेरोजियो
5.ब्रहा समाज------1828 ई.-----राजा राममोहन राय
6.तत्वबोधिनी सभा-----1839 ई.-----देवेन्द्रनाथ ठाकुर
7.ब्रिटिश सार्वजनिक सभा-----1843 ई.-----दादाभाई नौरोजी
8.परमहंस सभा-----1849 ई.-----दादोबा पाण्डुरंग
9.रहनुमाई माजदायान सभा-----1851 ई.-----दादाभाई नौरोजी
10.बालिका विद्यालय-----1851 ई.-----ज्योतिबा फूले
11.मोहम्मडन एंग्लो लिटरेरी सोसायटी-----1863 ई.-----अब्दुल लतीफ
12.साइण्टिफिक सोसायटी-----1864 ई.-----सर सैयद अहमद खाॅ
13.इण्डियन एसोसिएशन-----1866 ई.-----दादाभाई नौरोजी
14.पूना सार्वजनिक सभा-----1867 ई.-----एम. जी. रानाडे
15.प्रार्थना समाज-----1867 ई.-----एम. जी. रानाडे, आत्माराम पाण्डुरंग
16.वेद समाज-----1867 ई.-----श्री घरलू नायडू
17.अलीगढ़ मोहम्मडन एंग्लो ओरिएण्टल काॅलेज-----1875 ई.-----सर सैयद अहमद खाँ
18.इण्डियन लीग-----1875 ई.-----शिशिर कुमार घोष
19.आर्य समाज-----1875 ई.-----स्वामी दयानन्द सरस्वती
20.इण्डियन एसोसिएशन-----1876 ई.-----आनन्दमोहन बोस, सुरेन्द्रनाथ बनर्जी
21.थियोसोफिकल सोसायटी------18
82 ई.-----मैडम ब्लावट्स्की एवं कर्नल अल्काट
22.यूनाइटेड इण्डियन कमेटी-------1883 ई.-----व्योमेशचन्द्र बनर्जी
23.भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस-----1885 ई.-----ए. ओ. ह्मूम
24.बाॅम्बे प्रेसीडेन्सी एसोसिएशन-----18
85 ई.-----फिरोजशाह मेहता, तैलंग तथा तैयबजी
25.वेलूर मठ-----1887 ई.-----स्वामी विवेकानन्द
26.इण्डियन सोशल काॅन्फ्रेंस-----1887 ई.-----महादेव गोविन्द रानाडे
27.शारदा सदन-----1889 ई.-----रमाबाई
28.रामकृष्ण मिशन-----1897 ई.-----स्वामी विवेकानन्द
29.सर्वेन्ट्स आॅफ इण्डिया सोसायटी-----1905 ई.-----गोपाल कृष्ण गोखले
30.मुस्लिम लीग-----1906 ई.-----आगा खाँ एवं सलीमुल्लाखान
31.अभिनव भारती-----1906 ई.-----विनायक दामोदर सावरकर

Tuesday 25 August 2015

♥ મહાસાગરો ♥


★ પૃથ્વી પર પાંચ મહાસાગર છે. પૃથ્વી પર ૭૦ ટકા ભાગમાં પાણી છે અને ૩૦ ટકા ભાગમાં જમીન છે. પાંચ મહાસાગરો પૃથ્વીના ખંડોને જુદા પાડે છે. બધા જ મહાસાગરની અલગ અલગ લાક્ષણિકતા, ઊંડાઈ, વિસ્તાર છે.

(1) પેસિફિક મહાસાગર ૧૫,૫૫,૫૭૦૦૦ ચોરસ કિલોમીટરમાં ફેલાયેલો છે તે ૩૫૮૩૬ ફૂટ ઊંડો છે. બધા જ મહાસાગરમાં તે સૌથી ઊંડો છે.

(2) એટલાન્ટિક મહાસાગર ૭૬,૭૬,૨૦૦૦ ચોરસ કિલોમીટરમાં ફેલાયેલો છે તે ૩૦૨૪૬ ફૂટ ઊંડો છે.

(3) હિંદ મહાસાગર ૬૮,૫૫,૬૦૦૦ ચોરસ કિલોમીટરમાં ફેલાયેલો છે તે ૨૪,૪૦ ફૂટ ઊંડો છે.

(4) સધર્ન મહાસાગર ૨૦,૩૨,૭૦૦૦ ચોરસ કિલોમીટરમાં ફેલાયેલો છે. તેની ઊંડાઈ વિશે મતમાતંતર છે.

(5) આર્કટિક મહાસાગર ૧૪,૦૫,૬૦૦૦ કિલોમીટર ફેલાયેલો છે, તેની ઊંડાઈ ૧૪૪૫૬ ફૂટ છે.

♥ भारत में ऊर्जा के संसाधन ♥


● N.T.P.C. का पूरा नाम क्या है— नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन
● N.T.P.C. की स्थापना कब हुई— 1975 ई.
● N.H.P.C. का पूरा नाम क्या है— नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रो पावर कॉर्पोरेशन
● N.H.P.C. की स्थापना कब हुई— जून 1976 ई.
● A.E.C. का पूरा नाम क्या है— एटॉमिक एनर्जी कमीशन (परमाणु ऊर्जा आयोग)
● A.E.C. का स्थापना कब हुई— 1948 ई.
● D.A.C. का पूरा नाम क्या है— डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी (परमाणु ऊर्जा विभाग)
● D.A.C. की स्थापना कब हुई— 1954 ई.
● कौन-सा स्त्रोत गैर परंपरागत स्त्रोत की श्रेणी में आता है— बायोगैस
● किस प्रकार की ऊर्जा से वायु प्रदूषण सबसे कम होता है— सौर ऊर्जा
● भारत में सबसे अधिक ऊर्जा किससे प्राप्त की जाती है— ताप विद्युत
● भारत में पहली लहर ऊर्जा परियोजना कहाँ स्थापित की गई— विझिनजाम
(त्रिवेंद्रम के पास)
● काकरापार परमाणु शक्ति केन्द्र किस राज्य में है— गुजरात
● भारत का प्रथम परमाणु रिएक्टर कौन-सा है और यह कब शुरू हुआ—अप्सरा, 1956 ई.
● शून्य ऊर्जा एक्सपैरीमेंटल थर्मल रिएक्टर कौन-सा है— जरलीना
● भारत का पहला न्यूट्रॉन रिएक्टर कौन-सा है— कामिनी (1988 ई.)
● भारत में परमाणु ऊर्जा का उत्पादन कब आरम्भ हुआ— 1969 ई.
● भारत में परमाणु ऊर्जा का शुभारम्भ कहाँ से हुआ— तारापुर
● तारापुर परमाणु केंद्र कहाँ है— महाराष्ट्र
● रावतभाटा परमाणु केंद्र कहाँ है— राजस्थान
● कैगा परमाणु शक्ति केंद्र किस राज्य में है— कर्नाटक
● भारत में वर्तमान में कितने परमाणु रिएक्टर कार्यरत हैं— 20
● भारत के परमाणु रिएक्टरों में कितने मेगावाट विद्युत पैदा होती है— 4780
● भारत में उत्पादित परमाणु ऊर्जा देश में कुल उत्पादित विद्युत का कितने % है— 3%
● भारत में भूतापीय ऊर्जा का संयंत्र कहाँ स्थापित किया गया है— हिमाचल प्रदेश
● चूखा जलविद्युत परियोजना किन देशों की संयुक्त परियोजना है— भारत व भूटान
● भारत की प्रथम जलविद्युत परियोजना कौन-सी है व किस नदी पर है—शिवसमुद्रम परियोजना, कावेरी नदी पर
● भारत व एशिया की एकमात्र अधोभौमिक संचय जलविद्युत परियोजना किस राज्य में है— हिमाचल प्रदेश
● भारत में विद्युत आपूर्ति सर्वप्रथम कहाँ हुई— दार्जिलिंग में
● पवन ऊर्जा के उत्पादन में भारत का कौन-सा स्थान है— पांचवाँ
● भारत में वाणिज्यिक ऊर्जा की कितने % पूर्ति कोयले से होती है— 67%
● भारत में ओबरा शहर क्यों प्रसिद्ध है— थर्मल पावर प्लांट के लिए
● भारत में भूतापीय ऊर्जा संयंत्र कहाँ है— हिमालय प्रदेश के मणिकर्ण में
● देश के कुल विद्युत उत्पादन में ताप विद्युत का योगदान कितना है— 70%
● तालचेर एवं इन्नौर किसके लिए विख्यात है— तापीय शक्ति संयंत्रों हेतु
● मुंद्रा अल्ट्रा मेगा पावर परियोजना कहाँ स्थित है— गुजरात
● N.T.P.C. सिंगरौली कहाँ स्थित है— उत्तर प्रदेश
● लोकटक शक्ति परियोजना किस राज्य में स्थित है— मणिपुर
● टनकपुर परियोजना किस राज्य में है— उत्तराखंड में
● उत्तराखंड राज्य पूर्णतया किस प्रकार की ऊर्जा पर निर्भर है— जलविद्युत ऊर्जा पर
● B.A.R.C. का पूरा नाम क्या है— भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर
● B.A.R.C. का मुख्यालय कहाँ है— ट्रॉम्बे (महाराष्ट्र)
● परमाणु शोध के इंदिरा गाँधी केंद्र की स्थापना कब व कहाँ की गई—1971 ई., कलपक्कम् (चेन्नई)
● भारत विश्व का कौन-से नंबर का सबसे बड़ा ऊर्जा उत्पादक देश है और यह कुल ऊर्जा का कितना उत्पादन करता है— 11 वां और 2.4%
● विश्व के सबसे बड़े ऊर्जा उपभोक्ता देशों में भारत का स्थान कौन-सा है—छठा
● भारत विश्व की कुल ऊर्जा का कितने % उपभोग करता है— 3.7%
● भारत में ऊर्जा की विकास दर कितने % प्रतिवर्ष है— 3.6%
● कोयला उत्पादन में भारत का स्थान विश्व में अमेरिका और चीन के बाद कौन-सा है— तीसरा
● भारत में कोयले के उत्पादन का कितने % से भी अधिक गैर-कोककारी कोयले का उत्पादन होता है— 90%
● कोयले की सर्वाधिक खपत किसमें होती है— विद्युत उत्पादन में
● भारत कोयले का कुछ निर्यात अपने किन समीपवर्ती देशों को करता है—म्यांमार, श्रीलंका, पाकिस्तान व सिंगापुर
● भारत अच्छे किस्म का कुकिंग कोयला किस देश से आयात करता है—ऑस्ट्रेलिया
● भारत के कुल सिंचित भंडार का कितने % कोयला गोंडवाना काल का है—96%
● भारत के कुल उत्पादन का लगभग कितने % भाग गोंडवाना काल के कोयले से प्राप्त होता है— 98%
● भारत में मिलने वाला गोंडवाना काल का कोयला मुख्यतः किस प्रकार का है— बिटुमिनस
● कोयला उत्पादन में अग्रणी 5 राज्य कौन-कौन से हैं— क्रमशः झारखंड,छत्तीसगढ़, ओड़िशा, मध्य प्रदेश व आंध्र प्रदेश
● असम में पहली बार 1835 ई. में पेट्रोलियम किस क्षेत्र में मिला— माकूम
● असम में वास्तविक उत्पादन कार्य 1890 ई. में कहाँ से प्रारंभ हुआ—डिग्बोई
● असम के नाहरकटिया एवं हुगरीजान-मोरान क्षेत्र का तेल पाइपलाइन द्वारा कहाँ भेजा जाता है— नून एवं बरौनी (बिहार)
● भारत में प्राकृतिक गैस के भंडार कहाँ-कहाँ स्थित हैं— खंभात की खाड़ी (गुजरात); अंकलेश्वर (गुजरात); बोम्बे हाई (महाराष्ट्र); मोराह, नाहरकटिया (असोम); नामटिक नियाओपंग और लाप्टांग पंग (अरुणाचल प्रदेश); बारामुरा श्रेणी (त्रिपुरा); कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश); फिरोजपुर (पंजाब); मिदनापुर (पश्चिम बंगाल); नौसर-मुरादपुर (जम्मू-कश्मीर); तंजावुर और चिंगलपेट
(तमिलनाडु)
● अंकलेश्वर किस राज्य का सर्वाधिक महत्वपूर्ण तेल क्षेत्र है— गुजरात
● गुजरात का दूसरा प्रमुख तेल क्षेत्र कौन-सा है— खंभात (लुनेज) क्षेत्र
● कृष्णा-गोदावरी के तटीय क्षेत्रों में प्राकृतिक गैसे के विशाल भंडारों की खोज किसके द्वारा की गई है— रिलायंस इंडस्ट्रीज
● आंध्र प्रदेश राज्य में किन क्षेत्रों से बड़ी मात्रा में प्राकृतिक गैस का उत्पादन हो रहा है— रखा, लक्ष्मी और गौरी
● भारत के कुल ऊर्जा संसाधन में प्राकृतिक गैस का योगदान कितना है— 9-10%
● वर्तमान में भारत अपनी आवश्यकता का लगभग कितने % पेट्रोलियम एवं पेट्रोलियम उत्पादों का आयात करता है— 70%
● सौर ऊर्जा के दोहन के लिए सरकार ने जवाहरलाल नेहरू नेशनल सोलर मिशन की शुरूआत कब की— 11 जनवरी, 2009

♥ 12 ज्योतिर्लिंग एवम् उनका स्थान ♥

1- सोमनाथ

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भारत का ही नहीं अपितु इस पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यह मंदिर गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है। शिवपुराण के अनुसार जब चंद्रमा को दक्ष प्रजापति ने क्षय रोग होने का श्राप दिया था, तब चंद्रमा ने इसी स्थान पर तप कर इस श्राप से मुक्ति पाई थी। ऐसा भी कहा जाता है कि इस शिवलिंग की स्थापना स्वयं चंद्रदेव ने की थी। विदेशी आक्रमणों के कारण यह 17 बार नष्ट हो चुका है। हर बार यह बिगड़ता और बनता रहा है।

2- मल्लिकार्जुन

यह ज्योतिर्लिंग आन्ध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल नाम के पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर का महत्व भगवान शिव के कैलाश पर्वत के समान कहा गया है। अनेक धार्मिक शास्त्र इसके धार्मिक और पौराणिक महत्व की व्याख्या करते हैं। कहते हैं कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने मात्र से ही व्यक्ति को उसके सभी पापों से मुक्ति मिलती है। एक पौराणिक कथा के अनुसार जहां पर यह ज्योतिर्लिंग है, उस पर्वत पर आकर शिव का पूजन करने से व्यक्ति को अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य फल प्राप्त होते हैं।

3- महाकालेश्वर

यह ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी कही जाने वाली उज्जैन नगरी में स्थित है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की विशेषता है कि ये एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। यहां प्रतिदिन सुबह की जाने वाली भस्मारती विश्व भर में प्रसिद्ध है। महाकालेश्वर की पूजा विशेष रूप से आयु वृद्धि और आयु पर आए हुए संकट को टालने के लिए की जाती है। उज्जैन वासी मानते हैं कि भगवान महाकालेश्वर ही उनके राजा हैं और वे ही उज्जैन की रक्षा कर रहे हैं।

4- ओंकारेश्वर

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध शहर इंदौर के समीप स्थित है। जिस स्थान पर यह ज्योतिर्लिंग स्थित है, उस स्थान पर नर्मदा नदी बहती है और पहाड़ी के चारों ओर नदी बहने से यहां ऊं का आकार बनता है। ऊं शब्द की उत्पति ब्रह्मा के मुख से हुई है। इसलिए किसी भी धार्मिक शास्त्र या वेदों का पाठ ऊं के साथ ही किया जाता है। यह ज्योतिर्लिंग औंकार अर्थात ऊं का आकार लिए हुए है, इस कारण इसे ओंकारेश्वर नाम से जाना जाता है।

5- केदारनाथ

केदारनाथ स्थित ज्योतिर्लिंग भी भगवान शिव के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में आता है। यह उत्तराखंड में स्थित है। बाबा केदारनाथ का मंदिर बद्रीनाथ के मार्ग में स्थित है। केदारनाथ समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। केदारनाथ का वर्णन स्कन्द पुराण एवं शिव पुराण में भी मिलता है। यह तीर्थ भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। जिस प्रकार कैलाश का महत्व है उसी प्रकार का महत्व शिव जी ने केदार क्षेत्र को भी दिया है।

6- भीमाशंकर

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पूणे जिले में सह्याद्रि नामक पर्वत पर स्थित है। भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर के विषय में मान्यता है कि जो भक्त श्रृद्धा से इस मंदिर के प्रतिदिन सुबह सूर्य निकलने के बाद दर्शन करता है, उसके सात जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं तथा उसके लिए स्वर्ग के मार्ग खुल जाते हैं।

7- काशी विश्वनाथ

विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह उत्तर प्रदेश के काशी नामक स्थान पर स्थित है। काशी सभी धर्म स्थलों में सबसे अधिक महत्व रखती है। इसलिए सभी धर्म स्थलों में काशी का अत्यधिक महत्व कहा गया है। इस स्थान की मान्यता है, कि प्रलय आने पर भी यह स्थान बना रहेगा। इसकी रक्षा के लिए भगवान शिव इस स्थान को अपने त्रिशूल पर धारण कर लेंगे और प्रलय के टल जाने पर काशी को उसके स्थान पर पुन: रख देंगे।

8- त्र्यंबकेश्वर

यह ज्योतिर्लिंग गोदावरी नदी के करीब महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले में स्थित है। इस ज्योतिर्लिंग के सबसे अधिक निकट ब्रह्मागिरि नाम का पर्वत है। इसी पर्वत से गोदावरी नदी शुरूहोती है। भगवान शिव का एक नाम त्र्यंबकेश्वर भी है। कहा जाता है कि भगवान शिव को गौतम ऋषि और गोदावरी नदी के आग्रह पर यहां ज्योतिर्लिंग रूप में रहना पड़ा।

9- वैद्यनाथ

श्री वैद्यनाथ शिवलिंग का समस्त ज्योतिर्लिंगों की गणना में नौवां स्थान बताया गया है। भगवान श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का मन्दिर जिस स्थान पर अवस्थित है, उसे वैद्यनाथ धाम कहा जाता है। यह स्थान झारखण्ड प्रान्त, पूर्व में बिहार प्रान्त के संथाल परगना के दुमका नामक जनपद में पड़ता है।

10-नागेश्वर ज्योतिर्लिंग

यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के बाहरी क्षेत्र में द्वारिका स्थान में स्थित है। धर्म शास्त्रों में भगवान शिव नागों के देवता है और नागेश्वर का पूर्ण अर्थ नागों का ईश्वर है। भगवान शिव का एक अन्य नाम नागेश्वर भी है। द्वारका पुरी से भी नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की

Monday 24 August 2015

♥ વનસ્પતિનાં વિસ્મય ♥

★ એક વૃક્ષ તેના જીવનભરમાં લગભગ ૧ ટન કાર્બન ડાયોક્સાઇડ વાતાવરણમાંથી શોષે છે અને વર્ષે ૧૨૦ કિલોગ્રામ જેટલો ઓક્સિજન વાતાવરણમાં ઉમેરે છે.

★ વૃક્ષો પોતાનો ૯૦ ટકા ખોરાક સૂર્યપ્રકાશમાંથી અને ૧૦ ટકા ખોરાક જમીનમાંથી મેળવે છે.

★ વૃક્ષો મૂળમાંથી નહીં પરંતુ ટોચે નવી ડાળીઓ ફુટીને વિકાસ કરે છે. થડમાં રહેલી ડાળીઓનું સ્થાન અને ઊંચાઇ ૧૦૦૦ વર્ષ સુધી બદલાતાં નથી.

★ સૌથી વધુ લોકપ્રિય ટામેટાની ૫૦૦૦ જેટલી જાત થાય છે અને સફરજન ૭૫૦૦ જાતના હોય છે.

★ તમે નહીં માનો પણ વૃક્ષોની સૌથી વધુ જાત ભારતમાં જોવા મળે છે.

★ વિશ્વનું સૌથી મોટું માનવસર્જીત જંગલ નેબ્રાસ્કામાં છે. લોકોએ બે લાખ એકરમાં વૃક્ષો વાવી જંગલ ઉભું કર્યું છે.

★ રેડવૂડ વૃક્ષના થડની છાલ એટલી મજબૂત હોય છે કે આગ લાગે ત્યારે અંદરનો ભાગ સળગી જાય પણ છાલ સલામત રહે છે.

★ આફ્રિકાના રણ પ્રદેશમાં થતાં સાગુઆરો કેક્ટસ ૧૮ મીટર ઊંચા હોય છે. એક કેક્ટસમાં લગભગ ૮ ટન પાણી હોય છે.

→ સૌજન્ય :- ગુજરાત સમાચાર

♥ ખેતીના દુશ્મન - તીડ ♥

→ જંતુજગતમાં તીડ સૌથી વધુ ઊંચાઇએ અને લાંબા અંતર સુધી ઊડી શકનારા અજાયબ જીવ છે. વંદા જેવા રંગ અને આકારના તીડ ખેતીના દુશ્મન છે. ખેતરમાં તીડનું ટોળું ઉતરી પડે તો ઘડીના છઠ્ઠા ભાગમાં  ઊભો પાક ખાઇ જાય. તીડના ટોળા આક્રમણને કુદરતી આફત ગણવામાં આવે છે.

→ તીડ દોઢથી બે ઇંચ લંબાઇનું જંતુ છે. ગોળાકાર માથા પર એન્ટેના જેવા બે વાળ હોય છે. પીઠ ઉપર મજબૂત પાંખો હોય છે તેના આગળના બે પગ ટૂંકા અને પાછલા બે પગ લાંબા હોય છે તે અઢી ફૂટ ઊંચો કૂદકો મારી શકે છે. તીડ પ્રાચીન કાળથી જાણીતા છે. ઇજીપ્તના પિરામિડમાં પણ તીડની આકૃતિઓ જોવા મળે છે. તીડની ૧૦૦૦૦ જેટલી જાત છે. આફ્રિકાના રણ પ્રદેશમાં પ્લેગનો રોગ ફેલાવતાં ભયંકર તીડ જોવા મળે છે.
બેથી ત્રણ ગ્રામ વજનનું તીડ પોતાના વજન જેટલો જ ખોરાક ખાય છે. તીડ હમેશાં લાખોના ટોળામાં ઊડે છે. તીડનું ટોળું આકાશમાં ચઢી આવેલા વાદળ જેવું હોય છે. ટોળું ૧૦થી ૧૫ કિલોમીટરની ઝડપે ધસી આવતું હોય છે.

♥ ભારતીય ચલણી નોટો વિશે અવનવું ♥

23rd Aug 2015

બિઝનેસ ડેસ્કઃ ભારતમાં રહેનારી દરક વ્યક્તિ ભારતીય ચલણી નોટો સાથે સંકળાયેલી તમામ જાણકારી ધરાવતો હોય છે. છતા પણ કરન્સી વિશે કેટલીક વાતો એવી છે જો ઘણા ઓછો લોકો જાણે છે. તેમાં નોટમાં છપાયેલ ચિત્ર, નંબર અને તસ્કરી સાથે સંકળાયેલી કેટલીક હકીકતો છે. મનીભાસ્કર તમને ભારતીય નોટ સાથે સંકળાયેલી કેટલીક એવી જ જાણકારીઓ આપી રહ્યું છે, જેમાં ઘણું બધુ છપાયેલું હોય છે, પરંતુ તેના વિશે ઓછા લોકો જાણે છે.



♦ દરેક નોટ પર હોય છે એક ખાસ તસવીર ♦

દરેક ભારતીય નોટ પર માણસ, જાનવરો, પ્રકૃત્થી લઇને આઝાદીના આંદોલન સાથે સંકળાયેલી તસવીરો છપાયેલી હોય છે. 20 રૂપિયાની નોટ પર આંદામાન આઇલેન્ડની તસવીર છે. ત્યારે રૂ. 10ની નોટપર હાથી, ગેંડા અને વાઘનો ફોટો છાપેલો છે, જ્યારે 100 રૂપિયાની નોટ પર પહાડ અને વાદળની તસવીર છે. તેના સિવાય 500 રૂપિયાની નોટ પર આઝાદીના આંદોલન સાથે સંકળાયેલી 11 મૂર્તિઓ છપાયેલી છે.



♦ બ્લેડ બનાવવા માટે થતી હતી સિક્કાઓની તસ્કરી ♦

બાંગ્લાદેશમાં બ્લેડ બનાવવા માટે એક સમયે 5 રૂપિયાના સિક્કાઓની તસ્કરી કરવામાં આવતી હતી. પાંચ રૂપિયાના સિક્કામાંથી 6 બ્લેક બનાવવામાં આવતી હતી. એક બ્લેડની કિંમત રૂ. 2 હતી. એવામાં બ્લેડ બનાવવાવાળાઓને ઘણો ફાયદો થતો હતો. તેને જોતા સરકારે સિક્કા બનાવવામાં વપરાતી ધાતુને બદલી નાખી. 2009માં પોલીસ સિક્કાની હેરાફેરીને પકડી હતી, જેના પછી આ જાણકારી મળી હતી.



♦ ભારતીય નોટ પર 17 ભાષાઓમાં લખેલી હોય છે કિંમત ♦

હિન્દી અને અંગ્રેજી સિવાય ભારતીય નોટમાં 15 ભાષાઓનો ઉપયોગ થાય છે. કોઇ પણ નોટ જેમ કે 10,20, 50 પર હિન્દી અને અંગ્રેજીની સાથે આસામી, બંગાલી, ગુજરાતી, કન્નડ, કાશ્મીરી, કોંકણી, મલયાલમ, મરાઠી, નેપાળી, ઉડિયા, પંજાબી, સંસ્કૃત, તમિળ, તેલુગુ અને ઉર્દૂમાં તેની કિંમત લખેલી હોય છે. હિન્દી અને અંગ્રેજીનો ઉપયોગ નોટના આગળના હિસ્સામાં હોય છે. બાકી ભાષાઓ નોટના પાછળના ભાગમાં લખેલી હોય છ



♦ નિશાનથી ખબર પડે છે ક્યાં બન્યો છે સિક્કો ♦

દરેક સિક્કા પર એક નિસાન છાપેલુ હોય છે જેને જોઇને તમને ખબર પડી જશે કે આ ક્યા ટંકશાળનો છે. સિક્કામાં છપાયેલી તારીખની નીચે એક ડાયમંડ તૂટેલો નજર આવે છે. આ ચિહ્ન હૈદરાબાદ ટંકશાળનું ચિહ્ન છે. હૈદરાબાદ ટંકશાળની શરૂઆતમાં સ્ટાર માર્કનો ઉપયોગ કરવામાં આવ્યો. બાદમાં તેને બદલે ડાયમંડ શેપમાં લાવવામાં આવ્યો અને તેમાંથી કેટલાક સિક્કાઓમાં તૂટેલો ડાયમંડ પણ સામેલ છે. નોઇડા ટંકશાળના સિક્કા પર જ્યાં છપામણીનું વર્ષ અંકિત કરવામાં આવ્યું હોય છે તેની બરોબર નીચે નાનું અને ઘાટુ ડોટ હોય છે. તેને સૌથી પહેલા 50 પૈસાના સિક્કા પર બનાવવામાં આવ્યા હતા. 1986માં આ માર્ક અંકિત કરવાનું શરૂ કરવામાં આવ્યું હતું. તેના સિવાય મુંબઇ અને કોલકાતામાં પણ ટંકશાળ છે.



♦ 1954માં છાપવામાં આવી હતી 10,000 અને 5,000 રૂપિયાની નોટ ♦

1938માં પહેલી વાર રિઝર્વ બેન્કે 10,000 રૂપિયાની નોટ ભારતમાં છાપી હતી. રિઝર્વ બેન્કે જાન્યુઆરી 1938મે પહેલી પેપર કરન્સી છાપી હતી, જે 5 રૂપિયાની નોટની હતી. ચાલુ વર્ષે 10 રૂપિયા, 100 રૂપિયા, 1,000 રૂપિયા અને 10,000 રૂપિયાની નોટ પણ છાપવામાં આવી હતી. જોકે, 1946માં 1,000  અને 10 હજારની નોટ બંધ કરી દેવાઇ હતી. પરંતુ 1954માં ફરી એક વાર 1,000 અને 10,000 રૂપિયાની નોટ છાપવામાં આવી હતી. સાથે જ રૂ. 5,000ની નોટ પણ છાપવામાં આવી હતી. પરંતુ 1978માં 10,000 અને 5,000ની નોટને પૂરી રીતે બંધ કરી દેવામાં આવી હતી.




♦ આરબીઆઇ નહી નાણાં મંત્રાલય જારી કરે છે એક રૂપિયાની નોટ ♦

એક રૂપિયાની નોટ નાણાં મંત્રાલય જારી કરે છે. બાકી દરેક નોટ જારી કરવાનો અધિકાર રિઝર્વ બેન્ક ઓફ ઇન્ડિયા (આરબીઆઇ) પાસે છે. આ નોટ પર આરબીઆઇ ગવર્નરની જગ્યાએ ફાઇનાન્સ સેક્રેટરીની સહી હોય છે.



♦ ભારત જ નહી આ દેશોની કરન્સી પણ છે રૂપિયા ♦

20મા દાયકાના પ્રારંભમાં રૂપિયો અદન, ઓમાન, કુવૈત, બેહરીન, કતાર, કેન્યા, યુગાન્ડા, સેશલ્સ અને મોરીશિયસની પણ કરન્સી હતો. જોકે હજુ પણ સાત એવા દેશો છે જ્યાંની કરન્સી રૂપિયો છે. ઇન્ડોનેશિયા, મોરીશિયસ, નેપાળ, પાકિસ્તાન, શ્રીલંકાની કરન્સી રૂપિયો છે.



♦ નેપાળમાં નથી ચાલતી 500 અને 1000 રૂપિયાની નોટ ♦

નકલી નોટોની વધતી જતી ઘટનાઓને જોતા નેપાળે ભારતીય 500 અને 1000 રૂપિયાની નોટ પર પ્રતિબંધ લાદી દીધો છે. એટલું જ નહી જો કોઇ આ નોટ સાથે પકડાય તો તેને દંડ ફટકારવાની પણ જોગવાઇ છે. તેને કારણે નેપાળે સોનૌલી બોર્ડર પર એક નોટિસ બોર્ડ પર લગાવ્યું છે, જેમાં આ ચેતવણી આપવામાં આવી છે.

♥ 15th AUGUST ♥


♥ તિરંગા વિશે જાણવા જેવું ♥

♥ મહર્ષિ અરવિંદ ઘોષ ♥

♥ રાષ્ટ્રગીત અને રાષ્ટ્રગાન ♥

Thursday 20 August 2015

♥ प्रमुख वचन और नारे ♥


1. जय जवान जय किसान
►- लाल बहादुर शास्त्री

2. मारो फिरंगी को
►- मंगल पांडे

3. जय जगत
►- विनोबा भावे

4. कर मत दो
►- सरदार बल्लभभाई पटले

5. संपूर्ण क्रांति
►- जयप्रकाश नारायण

6. विजय विश्व तिरंगा प्यारा
►- श्यामलाल गुप्ता पार्षद

7. वंदे मातरम्
►- बंकिमचंद्र चटर्जी

8. जय गण मन
►- रवींद्रनाथ टैगोर

9. सम्राज्यवाद का नाश हो
►- भगत सिंह

10 स्वराज्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है
►- बाल गंगाधर तिलक

11.इंकलाब जिंदाबाद
►- भगत सिंह

12. दिल्ली चलो
►- सुभाषचंद्र बोस

13. करो या मरो
►- महात्मा गांधी

14. जय हिंद
►- सुभाषचंद्र बोस

15. पूर्ण स्वराज
►- जवाहरलाल नेहरू

16. हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान
►- भारतेंदू हरिशचंद्र

17. वेदों की ओर लौटो
►- दयानंद सरस्वती

18. आराम हराम है
►- जवाहरलाल नेहरू

19. हे राम
►- महात्मा गांधी

20. भारत छोड़ो
►- महात्मा गांधी

21. सरफरोशी की तम्मना अब हमारे दिल में है
►- रामप्रसाद बिस्मिल

22.सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा
►- इकबाल

23. तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा
►- सुभाषचंद्र बोस

24. साइमन कमीशन वापस जाओ
►- लाला लाजपत राय

25. हू लिव्स इफ इंडिया डाइज
►- जवाहरलाल नेहरू

26. दासता के हलुवे से आजादी के सुखे चने
कहीं अच्छे है -
►- सुभाष चन्द्र बोस

27. मेरे सिर पर लाठी का एक-एक प्रहार
अग्रेजी शासन के कफन के कील साबित
होंगे।
►- लाला लाजपतराय

28. भारत वर्ष को तलवार के बल से
जीता गया था और तलवार बल पर ही उसे
बिटानी कब्जे में रखा जाएगा
►- लार्ड एल्गिन

29. देश की पूजा ही राम की पूजा है I
►- मदन लाल धींगरा

30. जय जवान,जय किसान,जय विज्ञान
►- अटल बिहारी वाजपेयी